गाय के गोबर से बना घर परमाणु हमले में सेफ, गुजरात कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए की टिप्पणी

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Cow dung houses safe from nuclear attack : Gujrat Court

गुजरात की एक अदालत ने गौ तस्करी के मामले में फैसला सुनाते हुए कुछ खास टिप्पणियां की हैं। गुजरात कोर्ट ने कहा कि जिस दिन गाय के खून की एक बूंद भी धरती पर नहीं गिरेगी, उस दिन सभी समस्याएं सुलझ जाएंगी। गुजरात के तापी जिले की एक अदालत में सेशन जज एसवी व्यास की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह टिप्पणी की। साथ ही गुजरात कोर्ट ने यह भी टिप्पणी कि ये विज्ञान ने साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बने घर परमाणु हमले में सेफ रहते हैं। अदालत ने कहा कि एक समय आएगा जब लोग गायों की तस्वीरें बनाना भूल जाएंगे। बेंच ने हाल ही में महाराष्ट्र राज्य से मवेशियों को अवैध रूप से ले जाने के आरोप में एक 22 वर्षीय व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए यह बातें कहीं।

आजादी के 70 साल से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन गौहत्या बंद नहीं हुई है बल्कि यह अपने चरम पर पहुंच रही है। आज जो भी समस्याएं हैं, वे इसलिए हैं चिड़चिड़ापन और गर्म स्वभाव बढ़ रहा है। इस बढ़ोतरी का एकमात्र कारण गायों का वध है। जब तक यह पूरी तरह से बंध नहीं हो जाता, तब तक सात्विक जलवायु का प्रभाव नहीं हो सकता। अदालत ने यह टिप्पणियां मोहम्मद आमीन आरिफ अंजुम के गौ तस्करी मामले की सुनवाई के दौरान कीं। इस शख्स को जुलाई 2020 में एक ट्रक में 16 से अधिक गायों और गोवंश को अवैध रूप से ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसपे ये भी आरोप है की गायों को भोजन या पानी की कोई सुविधा नहीं होने के कारण रस्सी से बांध दिया गया था।

गौ हत्या और अवैध परिवहन की घटनाओं को सभ्य समाज के लिए शर्मनाक बताते हुए कोर्ट ने कहा कि गाय केवल एक जानवर नहीं है, बल्कि यह मां है, इसलिए इसे मां का नाम दिया गया है। गाय जितना कोई भी कृतज्ञ नहीं है। एक गाय 68 करोड़ पवित्र स्थानों और तैंतीस करोड़ देवता का जीवित ग्रह है।

कोर्ट ने कहा कि पूरे ब्रह्मांड पर एक गाय का दायित्व वर्णन की अवहेलना करता है। जिस दिन गाय के रक्त की एक बूंद भी धरती पर नहीं गिरेगी, धरती की सभी समस्याएं हल हो जाएंगी, गौ रक्षा और गौ पालन की बहुत बातें करते हैं लेकिन उसे अमल में नहीं लाते।
गुजरात कोर्ट ने संस्कृत के एक श्लोक को भी उद्धृत किया जिसमें कहा गया कि अगर गाय विलुप्त हो जाती हैं तो ब्रह्मांड का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा और वेद के सभी छह अंगों की उत्पत्ति गायों के कारण हुई है।