ये सिर्फ पेड़ नहीं औषधि गुणों का है खजाना, एसिडिटी और जोड़ो का दर्द चुटकियों में हो जायेगा खत्म

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आयुर्वेद हमारे देश की सबसे प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है. आयुर्वेद से कई बीमारियों को जड़ से ख़तम किया जा सकता है. जो किसी दूसरी चिकित्सा पद्धति से नहीं किया जा सकता है. जड़ी बूटी और आयुर्वेदिक पद्धति के जानकर बहुत कम मिलते है, पर जिन लोगों को इसका ज्ञान होता है वो आयुर्वेद से कई बीमारियों को जड़ से ठीक कर देते है. तो आज हम ऐसी ही जड़ी बूटी की बात करने वाले है जिसके उपयोग से कई रोगों को दूर भगा सकते है.

तो आज हम बात करने वाले है चिलबिल (Chilbil Benefits) के पौधे की. इसको चिलबिल, चिरमिल, पापरी, करंजी, बेगाना, बनचिल्ला आदि नाम से भी जाना जाता है. चिलबिल का इस्तेमाल कई रोगों को भगाने में किया जाता है. चिलबिल के पौधे की पत्तियाँ, बीज और तना तीनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिये उपयोगी है, ये पौधा औषधीये गुनो से भरा है इसके पत्ते, तना और बीज बहुत ही उपयोगी है. आयुर्वेद में चिलबिल से पीलिया, बुखार, कुष्ठ रोग, एग्जिमा, एसिडिटी और गैस समन्धित कई बीमारियों से छुटकारा दिलाता है. चिलबिल एक ऐसा पौधा है जिसके पत्ते, तना और बीज में बहुत सारे औषधीये गुण पाये जाते है.

चिलबिल (Chilbil Benefits) पौधे में एंटी प्रॉपर्टी गुण पाये जाते है. अगर बॉडी में कही विषेला हाइनेश वगेरा है तो इसके पत्ते के रस को पानी के साथ लेने से काफी हद तक आराम मिल जाता है.

पेटदर्द में भी चिलबिल के पत्ते का रस पिने से पेट दर्द ठीक हो जाता है.

एग्जिमा और कुष्ठ रोगी अगर चिलबिल के पौधे की पत्तियों को पीस कर शहद में मिलाकर लेप बना कर शरीर पे लगा ले, और एक से डेढ़ घंटे तक लगा कर रखे तो काफी हद तक रोगी ठीक हो जाता है.

पीलिया में भी चिलबिल की पत्तियों रस लेने से पीलिया ठीक हो जाता है.

अगर की किसी को एसिडिटी और गैस की समस्या ज्यादा रहती है उनको भी चिलबिल के पौधे के पत्ते का रस सुबह शाम लेना चाहिए. इससे काफी हद तक गैस एसिडिटी खतम हो जाती है.

जोड़ो के दर्द में भी इसकी पत्तियाँ के रस का इस्तेमाल करना चहिये इस से काफी आराम मिलता है. बढ़ती उम्र में जोड़ो में दर्द और सूजन एक आम बात है. चिलबिल के पत्तों को पीस कर उनका लेप घुटनो और अन्य जोड़ो में लगाने से दर्द और सूजन में काफी हद तक आराम मिलता है. अगर आर्थराइटिस की वज़ह से दर्द और सूजन है. तो इसकी छाल को पिसकर उसका लेप घुटनो पर लगाने से आराम मिलता है.

उलटी होने पर 5-10 मिलीग्राम चिलबिल के पत्तों के रस में मिश्री डालकर सेवन करने से उल्टी बन्द हो जाती है.

चिलबिल के बीज का पीस कर लेप शरीर पे लगाने से पसीने की दुर्गध दूर हो जाती है.

दाद से निजात पाने के लिये चिलबिल (Chilbil Benefits) के बीज और छाल का लेप लगाए या चिलबिल के पत्ते का रस लगाने से भी दाद जल्दी ठीक हो जाते है.

Disclaimer: इस पोस्ट में दी गई औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर सामान्य जानकारी है. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही इसका उपयोग करें. GNN किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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